सोमवार, 15 सितंबर 2008

हाँ मैं पास हो गयी हूँ (lekh likhne ki Meri pahli koshish)

दोपहर के दो बज रहे थे कि अचानक ही टेलिफोन की घंटी बजी
क्या मैं श्रीमती जैन से बात कर सकती हूँ – एक मधुर सी आवाज़ ने पूछा
जी बोल रही हूँ – मैने जवाब दिया
आप कितनी देर में स्कूल पहुँच सकती है .- वहाँ से सीधे सवाल पूछा गया
2 बजे डेमो क्लास का टाइम देकर उसने फोन रख दिया और मैं खुशी और घबराहट के साथ तैयार होने लगी.
2 बजे प्रिन्सिपल से मिलने के बाद मुझे कक्षा पाँच में जाकर एक लेसन पढ़ाने के लिए कहा गया . और मेरा पढ़ाने के ढंग देखकर मुझे दूसरे ही दिन से आने के लिए कहा.
कक्षा पाँच में 30 -35 बच्चे थे और सभी के चेहरे पर अपनी पुरानी अध्यापिका के जाने का दर्द दिख रहा था . मुझे लगा जैसे इनके मन में अपनी जगह बनाना मुश्किल होगा .
बच्चे जो मन के बहुत भोले होते हैं अब तक यही लगता था कि उन्हें बहलना बहुत आसान है परन्तु ये काम सबसे कठिन साबित हुआ
उन्होनें साफ शब्दों में अपनी पुरानी अध्यापिका को अच्छा बताया और उनकी तारीफ में बहुत सी बातें बताई
तब पहली बार मुझे उलझन हुई और शायद पहली बार जलन भी हुई
उन्हें डांटना इस वक़्त जैसे पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा . परंतु डांट बिना तो अध्यापिका पढ़ा ही नहीं पाएगी
मैने हिम्मत करके सभी छात्रों से कहा कि मुझे एक मौका अवशय दे और उन्हें पढ़ाना शुरू किया , धीरे धीरे उनके साथ घुलने
मिलने की और अपनी एक जगह बनाने की कोशिश करती रही
समय समय पर मेरी तुलना दूसरी अध्यापिका से वो करते और मुझे बुरा लगता
ज़िद थी मैं बच्चों के मन में अपनी जगह बनाना चाहती थी
उनके हर सवालों के जवाब देते हुए मैं उनको पाठ समझाती. एक दिन बोर्ड पर जवाब लिखने के बाद जैसे ही मैं पलटी – एक बच्चे ने उठ कर कहा कि टीचर आपने वो शब्द ग़लत लिखा है दुबारा किताब में जाँचने के बाद में उस शब्द को ठीक किया और साथ ही छोटे से बच्चे से माफी माँगते हुए धन्यवाद भी किया.
कमज़ोर बच्चों के साथ अलग से बैठ कर उनकी सभी समस्या सुलझाई
और फिर परीक्षा के दिन, जैसे मेरा इम्तिहान हो. मैं हैरान सी दिन भर सब पर चिल्लाति, झुंझलाती उनको पढ़ाती
आख़िर परिणाम आए और मैं पास हो गयी थी
हाँ मैं पास हो गयी थी, तब पता चला जब
शिक्षक दिवस पर अचानक कक्षा पाँच के कुछ बच्चे मेरे पास आए
और मेरे हाथ में एक ग्रीटिंग कार्ड दिया

S - sweet but strict
H – Honest to say sorry & thank you
I – Intelligent and innocent
L – lovely and energetic
P – passionate about work
A- Appreciate every one to motivate

You are the best teacher.

मेरी आँखें भर आई मेरे लिए वो दिन बहुत बड़ा दिन था
बड़ी सी बड़ी सफलता भी इस एक छोटी सी बात के सामने फीकी पढ़ गयी थी
 

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