tag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post6002195967059320845..comments2023-04-26T05:45:00.909-07:00Comments on नेस्बी: स्त्रियोचित???कुशhttp://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-120106725422459052010-05-27T02:02:19.599-07:002010-05-27T02:02:19.599-07:00अच्छी रचना.अच्छी रचना.बालमुकुन्द अग्रवाल,पेंड्राhttps://www.blogger.com/profile/15971623013147698662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-84108643543178511932010-03-31T00:18:54.071-07:002010-03-31T00:18:54.071-07:00nice..nice..neelima garghttps://www.blogger.com/profile/07014867750280659771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-54154914465496219802009-10-10T05:53:19.577-07:002009-10-10T05:53:19.577-07:00क्यू मुझे अच्छे वक़्त की गंदी आदत डाल रहे हो?
तुम...क्यू मुझे अच्छे वक़्त की गंदी आदत डाल रहे हो?<br /><br />तुम कौन हो?<br /><br />कब तक हो?<br /><br />....उत्तर दो...<br /><br />सिर्फ़ शब्दो का जाल नही.. <br />unnati<br />wakai bahut khubsurat abhivyakti<br />utni hi shandar shelly <br />badhaiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12938650631044447394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-63932806613738181502009-07-20T12:01:12.413-07:002009-07-20T12:01:12.413-07:00Good questions raised to realise the truth.
Fine ,...Good questions raised to realise the truth.<br />Fine ,thought poetry.<br />My best wishes.<br />Dr.Bhoopendraडॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07345306084462566690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-70405227938670186022009-06-15T01:26:20.230-07:002009-06-15T01:26:20.230-07:00नेस्बी, एक खुशनुमा एहसास
आइए आज ऐसे ब्लॉग की बात क...नेस्बी, एक खुशनुमा एहसास<br />आइए आज ऐसे ब्लॉग की बात करें जहां न तो ब्लागर का बखानों से भरा प्रोफाइल है, ना दंभ, ना आडम्बर और ना अनावश्यक बौद्धिकता. ये ब्लाग धीरे धीरे बहती निर्मल शांत नदी की तरह है जिसके किनारे की बयार में कहीं रात की रानी की महक है तो कहीं वनचम्पा की खुशबू. चलते हैं नेस्बी के किनारे. नेस्बी यानी सृजनशीलता का ऐसा दरिया जो आपको ताजगी का अहसास कराता है, संघर्ष के लिए प्र्रेरित करता है और पॉजिटिवटी से भर देता है. यह ब्लॉग महिलाओं के सम्मान, उनके अधिकार, उनकी संवेदनाओं, उनके वजूद की दास्तान है. यह ब्लॉग हर उस महिला के लिए है जिसे नारी होने पर गर्व है. <br />सही मायने में नेस्बी जिंदगी का एक ऐसा कैनवास है जिसमें आपनी अपनी पसंद के रंगों को भर सकते हैं. इसमें जिंदगी में उतार-चढ़ाव के इंद्रधनुषी रंग हैं. <br />इसमें पारुल की नानी मधुरा के रूप में उनकी नेस्बी के संघर्ष, अस्मिता और जीवन दर्शन का सारांश है तो मीता सोनी की पोस्ट 'उसकी शादीÓ में ऐसे संस्मरण हैंं जिसमें दहेज के दंश को झेलती नारी की टीस है तो मेल डॉमिनेटेड सोयायटी में पुरुष की लाचारी पर तीखा कटाक्ष भी. उन्नति शर्मा ने 'स्त्रियोचितÓ शीर्षक से अपनी पोस्ट में स्त्री होने के मायने और संबंधों की आर्टिफिशियलिटी पर सवाल उठाए हैं. नेस्बी में सिद्धहस्त लेखिकाओं के बीच श्रद्धा जैन जैसी डिब्यूटेंट ब्लॉगर भी हैं जिन्होंने 'हां, मैं पास हो गईÓ षीर्षक से अपनी पहली पोस्ट लिखी है. इसमें बाल मनोविज्ञान को समझने में एक महिला, एक टीचर की सेंसिटिविटी को इतने सहज और सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है कि लगता ही नहीं कि यह उनकी पहली रचना है.<br />इसके बाद की दो ब्लॉगर भी डिब्यूटेंट हैं. एक हैं पल्लवी त्रिवेदी और दूसरी हैं सई करोगल. पल्लवी मध्य प्रदेश पुलिस सेवा की अधिकारी हैं. सेल्फांफिडेंस और डिटरमिनेशन की मिसाल. पुलिस सर्विस की सपाट सख्त और कड़वी सच्चाइयों के बीच गजब का सेंस आफ ह्यूमर. उनके ब्लॉग 'कुछ अहसासÓ में उनकी पोस्ट 'साहब... एक शेर पकड़ा है वो भी गूंगा बहराÓ में इसे महसूस किया जा सकता है. सई करोगल की पोस्ट में जिंदगी के उतार-चढ़ाव और संघर्षों के बीच गजब की पाजिटिविटी है. इसी तरह मीता की पोस्ट में डॉल से दुुल्हन बनती नारी की खूबसूरत सी कहानी है. तो आइये संडे की सुबह http://nesbee.blogspot.com/ पर नेस्बी के साथ शुरू करें. दिन की इससे बेहतर शुरूआत और क्या हो सकती है.<br />- राजीव ओझा <br />Also see http://inext.co.in/epaper/Default.aspx?edate=6/14/2009&editioncode=2&pageno=18rajivhttps://www.blogger.com/profile/10917588871855963207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-2464664499368513712009-05-18T09:27:00.000-07:002009-05-18T09:27:00.000-07:00मैंने नज़दीक से देखा माँ को
उस स्त्री को जो समाज ...मैंने नज़दीक से देखा माँ को <br />उस स्त्री को जो समाज में रहकर किस तरह उठती और गिरती है <br />फिर भी संभल कर खुद को साबित करने में लगी रहती है ....<br />हाँ मैंने देखा है अपनी माँ में उस स्त्री के कई रूपों कोअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-5166914327199915012009-04-02T01:44:00.000-07:002009-04-02T01:44:00.000-07:00बेहतरीन अंदाज़ ...बेहतरीन लेखनबेहतरीन अंदाज़ ...बेहतरीन लेखनअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-24258294015586543342009-02-26T05:00:00.000-08:002009-02-26T05:00:00.000-08:00स्त्री का उत्कर्ष क्या है ? पता नहीं...!स्त्री अभी...स्त्री का उत्कर्ष क्या है ? पता नहीं...!स्त्री अभी भी ख़ुद को गढ़ रही है,नए मानक बना रही है,पिछली कुछ सदियाँ उठा लीजिये....आदमी कमोबेश वहीं है और औरत का किरदार अपनी रोज नई परिभाषा के सृजन की प्रक्रिया में है ....या यूँ कहें औरत का अभी 'best' आना बाकी है । आपकी 'स्तियोचित ' स्त्री के उसी आत्मपरिचय की खोज लगती है ।Deepak Tiruwahttps://www.blogger.com/profile/13682168547060101938noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-77963896033961440832008-12-28T07:07:00.000-08:002008-12-28T07:07:00.000-08:00nice creation...nice creation...Rajat Narulahttps://www.blogger.com/profile/18074987075863492261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-75510893548110168512008-11-19T22:14:00.000-08:002008-11-19T22:14:00.000-08:00क्यू मुझे अच्छे वक़्त की गंदी आदत डाल रहे हो?तुम क...क्यू मुझे अच्छे वक़्त की गंदी आदत डाल रहे हो?<BR/>तुम कौन हो?<BR/>कब तक हो?<BR/>....उत्तर दो...<BR/>सिर्फ़ शब्दो का जाल नही..<BR/><BR/>aaj pahli baar aapko padha. ek alag andaaz hai aapka. bahut pasand aya.aasha hai aage aur bhi padhne ko milega aapki kalam se.pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-28719287942602170952008-11-19T07:44:00.000-08:002008-11-19T07:44:00.000-08:00कृप्या ब्लॉग के फोंट का रंग बदल दें. मौजूदा रंग ...कृप्या ब्लॉग के फोंट का रंग बदल दें. मौजूदा रंग पढ़ने में नहीं आ रहा.<BR/>धन्यवादN Navrahi/एन नवराहीhttps://www.blogger.com/profile/01410910926943422649noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-41108512442758653692008-11-19T07:42:00.000-08:002008-11-19T07:42:00.000-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.N Navrahi/एन नवराहीhttps://www.blogger.com/profile/01410910926943422649noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-40013751343249839892008-11-15T06:21:00.000-08:002008-11-15T06:21:00.000-08:00नाटक संबंधी जानकारी के लिए धन्यवाद.क्या 'नींद क्यो...नाटक संबंधी जानकारी के लिए धन्यवाद.क्या 'नींद क्यों रात भर नहीं आती' सुरेन्द्र वर्मा वाला है या दूसरा??राहुल सिद्धार्थhttps://www.blogger.com/profile/04775003163988226979noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-53816300193455103442008-11-15T04:11:00.000-08:002008-11-15T04:11:00.000-08:00तुम कौन हो?कब तक हो?....उत्तर दो...सिर्फ़ शब्दो का...तुम कौन हो?<BR/><BR/>कब तक हो?<BR/><BR/>....उत्तर दो...<BR/><BR/>सिर्फ़ शब्दो का जाल नही.. <BR/>:<BR/>aksar logo ko shabdo se khelte hue dekha hai... aur itna sara kuch badalne ke bawjud agar ladkiya khud hi nahi badal paati to usme kiska kasoor? ... aapka likha achcha laga...meetahttps://www.blogger.com/profile/04892220029704168005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8126435261336202221.post-70177987691615125552008-11-14T22:49:00.000-08:002008-11-14T22:49:00.000-08:00आपकी खास अंदाजे बयानी की तो खैर मै शुरू से ही कायल...आपकी खास अंदाजे बयानी की तो खैर मै शुरू से ही कायल रहा हूँ ....आज यहाँ नेस्बी में देख अच्छा लगा ..शायद बहुत सारी अनकही बातें आपने कह दी है ......बिना किसी भाषा के शब्द जाल बुने ......ये आखिरी पंक्तिया ख़ास तौर से सारा निचोड़ कह देती है......<BR/><BR/><BR/><BR/><BR/>क्यू मुझे अच्छे वक़्त की गंदी आदत डाल रहे हो?<BR/>तुम कौन हो?<BR/>कब तक हो?<BR/>....उत्तर दो...<BR/>सिर्फ़ शब्दो का जाल नही..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com